Thursday, May 20, 2021

Holi festival essay in hindi

Holi festival essay in hindi

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 · Holi Festival Essay Nibandh In Hindi. होली मनाने की तिथि – फाल्गुन पूर्णिमा. होली के अन्य नाम – होलाका, फगुआ, धुलेंडी, दोल। होली का  · Essay on Holi in Hindi: होली एक लोकप्रिय भारतीय Indian festival त्योहार है| जिसका लोगो को बड़ी बेसब्री और ख़ुशी से इंतज़ार रहता है| होली को 2 दिन मनाया जाता है, यह त्यौहार भारत हमें आशा है आप सभी को Holi in hindi पर छोटा सा लेख पसंद आया होगा। आप इस लेख को अपने स्कूल में 10 lines about holi in hindi के



होली पर निबंध | Holi Essay in Hindi - blogger.com



भारत में विविधता में भी एकता बसती है. भारत एक ऐसा देश है जहा कई धर्म जाती और वर्ण के लोग ख़ुशी और भाईचारे से रहते है. हम सभी धर्म के त्यौहार ख़ुशी से मानते है और सभी तिहारो का अपना एक महत्व है.


दिवाली से लेकर ईद और क्रिसमस तक सभी त्यौहार हम बड़ी ख़ुशी से मानते है और इन्ही त्योहारों मई से एक है होली. भारत के सभी स्कूल और कॉलेजोमें विविध तरह है प्रतियोगिताएं जैसे की निबंध स्पर्था, वक्तृत्व स्पर्धा आयोजित की जाती है. इसलिए हमने इस लेख में होली त्यौहार के बारेमे जानकारी दी है जो आपको होली विषय वर हिंदी निबंध तथा भाषण देने में सहायता करेगी, holi festival essay in hindi.


ऐसीही प्रतियोगिताओ के माध्यम से विद्यार्थियोंको अपना हुनर दिखाने का अवसर मिलता है और इसी लिए आपकी सहायता करने के लिए हम यहापर है. इस लेख के माध्यम से हम आपको होली के बारेमे आवश्यक जानकारी दे रहे है.


ये जानकारी आपको एक उत्कृष्ट निबंध तथा एक बेहतर भाषण लिखने में सहायता करेगी. आप यह जानकारी अपनी जरुरत अनुसार निबंध तथा भाषण में बदल सकत है. होली, एक रंगो का त्यौहार जो पुरे भारत में मनाया जाता है. होली का त्यौहार अच्छाईका बुराई पर विजय तथा सर्दियोंका अंत और बसंत ऋतू का आगमन दर्शाता है, holi festival essay in hindi. लोग घरो से बाहर निकलकर पूजा करते है, एक दूसरे से मिलते है और रंगो से खेलते है. यह वक्त आपस के द्वेष भूलकर अपने प्रियजनोंके साथ खुशिया मनाने का होता है. होली अच्छी फसल आने के जश्न में भी मनायी जाता है.


हिन्दू कैलेंडर के अनुसार होली २ दिन है त्यौहार होता है, जिसकी शुरुवात फाल्गुन महीने के पूर्णिमा की शाम को होती है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार होल के त्यौहार फरवरी और मार्च महीने के दरमियान आता है. इस साल २०१७ में होली २ मार्च २०१८ के दिन मनाई जाएगी. होली के पहले दिन के छोटी होली बोलते है. इस दिन शाम को लोग होलिका दहन करते है. लोग साथ मिलकर होलिका के सामने भगवान की पूजा प्रार्थना करते है और अंत में उसे जलाया जाता है. शुरुवात के दिनों में गांव के लोग मिलकर जंगलो में जाकर लकड़ी और घास जमा करके लेके आते थे और पुरे गांव में एक ही बड़ी होलिका के दहन करके गांव के सभी लोग साथ मिलकर होली मनाते थे.


पहले होली लोगो को साथ लानेमें एक प्रेरित करती थी लेकिन अब बाजार में जाकर लकड़ी और घास लेकर अपनी अपनी होली जलाते है. इससे होली का लोगो का साथ लाने holi festival essay in hindi जो मूल हेतु है वो धीरे धीरे नाकामयाब हो रहा है.


होली के दूसरेदिन का रंगवाली होली बुलाया जाता है. भारत के पश्चिमी राज्यों में इसे रंग पंचमी भी बुलाया जाता है. पहले के दिनों में लोग होली की राख के साथ रंगवाली होली मनाते थे लेकिन अब ये प्रथा विलुप्त हो चुकी है. पहले गुलाल हल्दी, कुमकुम, चन्दन पाउडर और जड़ीबूटियोंसे से बनाया जाता था.


लेकिन आजकल लोग होली खेलने के लिए हानिकारक रंग, पानी के गुब्बारे, तथा वाटर गन का इस्तेमाल करते है. लोग अपने ऑफिसमे भी होने मनाते है. भारत में होली के बारे में कई दन्तकथाए है लेकिन भक्त प्रल्हाद की कथा सबसे पूजनीय मानी जाती है.


राजा हिरण्यकशिपु के बेटे के नाम प्रल्हाद था जो भगवन विष्णु के बहुत बड़ा भक्त था. वो दिन रात भगवन विष्णु के नाम के जाप करता था. उसके पिता राजा हिरण्यकशिपु का यह बात बिलकुल पसंद नहीं थी क्योंकि वो बहगवां पे विश्वास नहीं करता था.


एक दिन उसको प्रल्हाद के इतना गुस्सा आया की उसने उसे मारने के कट रचा, holi festival essay in hindi. राजा ने अपनी बहन होलिका का बुलाया, जिसके पास एक जादुई लबादा था जिसपर आग के कोई असर नहीं होता था. होलिका प्रल्हाद का लेकर एक जलती चिता पर बैठ गयी. उसे लगा की चिता की आग पररलहद का जलाकर भस्म क्र देगी.


लेकिन वास्तविक में होलिका जल के भस्म हो गयी और प्रल्हाद का कुछ भी नहीं हुआ. भगवन विष्णु के कृपा ने उसे बचा लिया था. इसी लिए लोग छोटी होली के दिन होलिका दहन करते है. जो की बुराई का नाश होकर बुराई के विजय दर्शित करता है. दूसरी किवदंती के अनुसार देवी राधा के भगवन श्रीकृष्ण के प्रति अपर प्रेम के सम्मान में होली मनाई जाती है. एक और किवदंती के अनुसार होली क़ो भगवन शंकर और देवी पार्वती के साथ जोड़ा जाता है.


उसके अनुसार देवी पार्वती बसंत पंचमी के दिन प्रेम के देवता holi festival essay in hindi क़ो प्रसन्ना करती है और उन्हें भगवन शंकर जी क़ो अपनी तपस्या से उठाने के निवेदन करती है. उसके बाद भगवन शंकर बढ़ेगी क्रोधित होते है और कामदेव क़ो भस्म कर देते है.


इस सब से देवी पार्वती और कामदेवी की पत्नी देवी रती बहुत ही दुखी हो जाती है. देवी रती बसंत पंचमी से चालीस दिन तस तप करती है. उसके बाद भगवन शंकर कामदेव क़ो क्षमा करते है और उन्हें फिरसे जीवित करते है. होली जैसे त्योहारों से हमे बहुत ही बड़ी सीख मिलती है जोकि आजके समय में भी बहुत उपयुक्त है. भक्त प्रल्हाद की कहानी से हमें यह सीख मिलती है की अंत में हमेशा अच्छाई की ही जीत होती है.


आजकल के बढ़ते भ्रष्टाचार और अपराधों क़ो holi festival essay in hindi यही लगता है की इस सीख की हमे बहुत ज्यादा जरुरत है.


हमें होली की तरफ एक धर्मनिरपेक्ष दृष्टी से देखने की जरुरत है. होली कडाकेकी ठण्ड ख़तम होने के और बसंत ऋतु के आगमन के जश्न है. ज्यादा ठण्ड से जानवरो, इंसान और फसल पे बहोत गहरा परिणाम होता है. बसंत ऋतु के आने से ठण्ड ख़तम हो जातिओ है और पेड़ पौधे फिरसे खिल उठते है. मानो उनमे एक नै जान आ गयी हो. इससे हम एक बहोत बड़ी सीख मिलती है. हमारे जीवन में हम कई चुनौतियों के सामना करते है और अंत में सब कुछ अच्छा हो जाता है. जिंदगी में उतार चढ़ाव आते रहते है. हमे कठिन परिस्तिथिओ के सामना करना चाहिए और holi festival essay in hindi वक्त क़ो प्यार से उत्सव करना है.


भारत के साथ साथ गुयाना, त्रिनिनाद, टोबैगो, मॉरिशस, नेपाल, पाकिस्तान जैसे देशोमे भी ऐसे कई समुदाय है जो होली मनाते है. दुःख की बात यह है की पाश्चिमात्य देशोमे होली क़ो एक पवित्र त्यौहार के बजाय पार्टी का रूप दे दिया गया है जिसमे लोग जोरदार गाने बजाकर मद्यधुंद अवस्था में नाचकर होली खेलते है.


हमे ख़ुशी है होली जैसा भारत के एक त्यौहार सीमापार के देशो में भी लोकप्रिय हो रहा है लेकिन उन्हें होली के असली अर्थ और महत्व जानना चाहिए. लोग बाजारों में से ख़रीदे हुए अनैसर्गिक holi festival essay in hindi इस्तेमाल होली में करते है.


इन रंगो में हानिकारक रसायन होते है. तो इंसानी त्वचा के लिए घातक होते है. और कई लोग इसी वजह से होली के त्यौहार का विरोध भी करते है, holi festival essay in hindi. दूसरी विवादात्मक बात यह है की लोग होली खेलने के लिए पानी का बहुत ही ज्यादा इस्तेमाल करते है. कई लोग इस बात के विरोध करते है. अगर आपको मेरा यह जानकारी देने का प्रयत्न अच्छा लगा हो तो कृपया इस आर्टिकल को निचे रेटिंग दीजिये. निचे कमेंट सेक्शन इ आप आपके विचार तथा सुझाव हमे दे सकते है.


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